सुबह-सुबह प्यारे से फूल खिल गए,पंछी भी अपने सफर पर उड़ गये,सूरज के आते ही तारे भी छुप गये,लो आप भी मीठी नींद से उठ गये।सुप्रभात।
वो एक रात जला……. तो उसे चिराग कह दिया !!!
हम बरसो से जल रहे है ! कोई तो खिताब दो .!!!
खन खना खन है ख्यालों मेंजरुर आज उसने कंगन पहने होंगे
तेरी हर अदा मोहब्बत सी लगती हैं
एक पल की भी जुदाई मुद्दत सी लगती हैं
पहले नहीं सोचा था अब सोचने लगे हैं
जिंदगी में हर पल तेरी जर्रूरत सी लगती है
सिसक कर पूछती हैमुझसे ये तनहाईय़ाजो बड़े हमदर्द थे तेरेआखिर वो बेबफाई कैसे कर गये.
सिसक कर पूछती है
मुझसे ये तनहाईय़ा
जो बड़े हमदर्द थे तेरे
आखिर वो बेबफाई कैसे कर गये.