सुबह-सुबह प्यारे से फूल खिल गए,पंछी भी अपने सफर पर उड़ गये,सूरज के आते ही तारे भी छुप गये,लो आप भी मीठी नींद से उठ गये।सुप्रभात।
तेरे ख्याल से खुद को छुपा के देखा है,दिल-ओ-नजर को रुला-रुला के देखा है,तू नहीं तो कुछ भी नहीं है तेरी कसम,मैंने कुछ पल तुझे भुला के देखा है।
खुदा करे वो मोहब्बत जो तेरे नाम से है,
हजार साल गुजरने पे भी जवान ही रहे।
चिराग कोई जलाओ की हो वजूद का एहसास,
इन अँधेरों में मेरा साया भी छोड़ गया मुझको !!!
दो मुलाकात क्या हुई हमारी तुम्हारी,निगरानी में सारा शहर लग गया।