“कदर करना अगर में तुम्हारी फिक्र करता हूँ !
एक तुम ही हो !
जिसका में सबसे ज्यादा ज़िक्र करता हूँ ।
अरमान ही बरसो तक जला करते है हमेशा ,
इंसान तो इक पल मे खाक हो जाता है !!
Dekho fir raat aa gai,
Good Night kahne ki bat yaad aa gai,
Hum baithe the sitaro ki panah mein,
Chand ko dekha to aap ki yaad aa gai.
Aansu na hote to aankh itni haseen na hoti,
Dard na hota to khushiyo kya hoti,
Puri karte khuda yuhi sab muraade,
To ibadat ki kabhi zarurat na hoti.
बिन बात के ही रूठने की आदत है,
किसी अपने का साथ पाने की चाहत है,आप खुश रहें, मेरा क्या है..मैं तो आइना हूँ, मुझे तो टूटने की आदत है।