बेवज़ह की बातों में उलझ जाता हूं,वक़्त की रेत पर फिसल जाता हूं lमुझे मेरी खबर कहाँ रहती है अब,क्योंकि मैं अब उसके दिल में रहता हूं l
आ बिछड़ने का कोई और तरीका ढूंढें
प्यार बढ़ता है मेरी जां खफा रहने से
सुना है, खुदा के दरबार से कुछ फ़रिश्ते फरार हो गए,
कुछ तो वापस चले गए, और कुछ हमारे यार हो गए
सब कुछ झूठ है
लेकिन फिर भी बिलकुल सच्चा लगता है…
जानबूझकर धोखा खाना कितना अच्छा लगता है
हर वक्त फिजाओं में महसूस करोगे तुम
मैं प्यार की खशबू हूँ महकूँगी जमाने तक