नाराज़ जीने में भी लाख मज़ा है,हर लम्हें में याद और फिर नशा है lरात गुजरती नहीं हम काटते है,हर लम्हें में कई साल छांटते है l
कठिन है राहगुज़र थोड़ी दूर साथ चलोबहुत बड़ा है सफ़र थोड़ी दूर साथ चलो
तमाम उम्र कहाँ कोई साथ देता हैमैं जानता हूँ मगर थोड़ी दूर साथ चलो
Khushi hoti hai bahot
Use khush dekh kar
Mere sath na sahi
Kisi aur ke sath dekh kar.
“अपनों को याद करना प्यार हैं,
गैरों का साथ देना संस्कार हैं,
दुश्मनो को माफ करना उपकार हैं,
और आप जैसे दोस्तों को परेसान करना जन्मसिद्ध अधिकार हैं.”
Tujh Se Nahi Waqt Se Naraz Hu Main
Jo Kabhi Tumko Mere Liye Nahi Milta…!!!