सपने वो नहीं जो हम सोते वक्त देखते हैं, बल्कि सपने वो हैं जो हमें सोने नहीं देते हैं।
सपने तो मेरे थे पर उनको पूरा करने का रास्ता
कोई और दिखाए जा रहा था और वो थे मेरे पापा….
घमंड ही नहीं गुरुर है अपने किसान होने का।
बढ़ रही हैं कीमते अनाज की,
पर हो न सकी विदा बेटी किसान की
मेरे अजीज हो आप,
मेरे सबसे अच्छे दोस्त हो आप,
हर इच्छा पूरी करने वाले,
खुदा से बढ़कर हो पापा आप।
ये सिलसिला क्या यूँ ही चलता रहेगा,
सियासत अपनी चालों से कब तक किसान को छलता रहेगा.