भय से तब तक ही डरना चाहिये जब तक भय (पास) न आया हो। आये हुए भय को देखकर बिना शंका के उस पर् प्रहार् करना चाहिये।
मदद करना सीखिये
फायदे के बगैर
मिलना जुलना सीखिये
मतलब के बगैर
जिन्दगी जीना सीखिये
दिखावे के बगैर
और
मुस्कुराना सीखिये
सेल्फी के बगैर!
ये सिलसिला क्या यूँ ही चलता रहेगा,
सियासत अपनी चालों से कब तक किसान को छलता रहेगा.
किसी की बुराई तलाश करने वाले इंसान की मिसाल उस मक्खी की तरह हैजो सारे खूबसूरत जिस्म को छोडकर केवल जख्म पर ही बैठती है…
किसी की बुराई तलाश करने वाले इंसान की मिसाल उस मक्खी की तरह है
जो सारे खूबसूरत जिस्म को छोडकर केवल जख्म पर ही बैठती है…