दिल की धड़कन बनकर दिल में रहोगे तुम,
जब तक सांस है मेरे साथ रहोगी तुम…
मिर्ज़ा ग़ालिब:हमें तो अपनों ने लूटागैरो में कहाँ दम थाअपनी कश्ती वहां डूबीजहां पानी कम थाग़ालिब की पत्नी:तुम तो थे ही गधेतुम्हारे भेजे में कहाँ दम थावहां कश्ती लेकर गए ही क्योंजहाँ पानी कम था!!
नर्म लफ़्ज़ों से भी लग जाती है चोटें अक्सर,
रिश्ते निभाना बड़ा नाज़ुक सा हुनर होता है…….
मुझे जिंदगी का इतना तजुर्बा तो नहीं,
पर सुना है सादगी मे लोग जीने नहीं देते।
मेरी दोनों कोशिशें कभी कामयाब ना हो सकी . .
पहला तुझे पाने की फिर तुझे भूल जाने की…
मुझे भी जरुरुत है तेरी बाहो की।दुनिया के वजूद और दुनिया के रास्ते बहुत कमजोर है.