इश्क़ करने से पहले, आ बैठ फैसला कर लें सुकूँ किसके हिस्से होगा, बेक़रारी किसके हिस्से
इश्क़ करने से पहले, आ बैठ फैसला कर लें
सुकूँ किसके हिस्से होगा, बेक़रारी किसके हिस्से
नर्म लफ़्ज़ों से भी लग जाती है चोटें अक्सर,
रिश्ते निभाना बड़ा नाज़ुक सा हुनर होता है…….
मुझे जिंदगी का इतना तजुर्बा तो नहीं,
पर सुना है सादगी मे लोग जीने नहीं देते।
Labo se tut gaye guftagu ke sab rishte
wo dekhta hei to bas dekhta hi rahta hei..
सीतल-सीतल वायु चली,
आकाश हुआ सुहाना,
अनपढ़ भी व्हाट्सऐप पढ़ने लगे,
शिक्षित हुआ ज़माना....
Bade hi chupke se bheja tha,Mere mehbub ne muje ek gulab,Kambhakht uski khusbu ne ,Sare shehar me hungama kar diya