तेरे आगोश में मिल जाये पनाहहम इतने खुश नसीब कहाँ
तेरे आगोश में मिल जाये पनाह
हम इतने खुश नसीब कहाँ
ऐसा नहीं था कि इस दिल में तेरी तस्वीर नहीं थी
लेकिन इन हाथों में तेरे नाम की लकीर ही नहीं थी
जब से बाजी, वफा की हारे हैं.
दोस्तों, हम भी गम के मारे हैं.
तुम हमारे सिवा,सभी के हो,
हम किसी के नहीं,तुम्हारे हैं
बे-फिजूली की जिंदगी का सिल-सिला ख़त्म,जिस तरह की दुनिया उस तरह के हम।
Yeh Mat Samajh Tere Kabil Nahi Hain Hum,Tadap Rahe Hain Woh Jinhein Haasil Nahi Hain Hum.