हे मेरे भोले नाथ अगर मैं खामोश हूँ तो क्या…
आप ही कभी आवाज दे दीजिए…
मुझे भी तो अहसास हो जाए कि आप भी बेचैन हैं मेरे लिए…
हर हर महादेव
भरोसा क्या करना गैरों पर,जब गिरना और चलना है अपने ही पैरों पर।
एक छुपी हुई पहचान रखता हूँ,
बाहर शांत हूँ, अंदर तूफान रखता हूँ,
रख के तराजू में अपने दोस्त की खुशियाँ,
दूसरे पलड़े में मैं अपनी जान रखता हूँ।
तुम्हे हक है अपनी जिन्दगी जैसे चाहे जीयो तुम,
ज़रा एक पल के लिये सोचना मेरी ज़िन्दगी हो तुम….॥
तू मेरे दिल पे हाथ रख के तो देख,
मैं तेरे हाथ पे दिल ना रख दूँ तो कहना..!!