उसका गुस्सा और मेरा प्यार एक जैसा है,क्योंकि ना तो उसका गुस्सा कम होता हैं,और ना ही मेरा प्यार।
उसका गुस्सा और मेरा प्यार एक जैसा है,
क्योंकि ना तो उसका गुस्सा कम होता हैं,
और ना ही मेरा प्यार।
सितारे लटके हुए हैं तागों से आस्माँ परचमकती चिंगारियाँ-सी चकरा रहीं आँखों की पुतलियों मेंनज़र पे चिपके हुए हैं कुछ चिकने-चिकने से रोशनी के धब्बेजो पलकें मूँदूँ तो चुभने लगती हैं रोशनी की सफ़ेद किरचेंमुझे मेरे मखमली अँधेरों की गोद में डाल दो उठाकरचटकती आँखों पे घुप्प अँधेरों के फाए रख दोयह रोशनी का उबलता लावा न अन्धा कर दे ।
कौन याद रखता हैं गुजरे हुए वक़्त के साथी कोलोग तो दो दिन में नाम तक भुला देते हैं |
एक उमर बीत चली है तुझे चाहते हुए,
तू आज भी बेखबर है कल की तरह..!
इत्तेफाक से तो नहीं,
हम दोनों टकराये
कुछ तो साजिश
खुदा की भी होगी