हमसे ना कट सकेगा अंधेरो का ये सफर
अब शाम हो रही हे मेरा हाथ थाम लो।
अपनी रातें उनके लिए ख़राब करना छोड़ दो दोस्तों,जिनको ये भी परवाह नहीं की तुम सुबह उठोगे भी या नहीं।
चाहत तुम्हारी - रविवार की तरहहकीकत जिंदगी - सोमवार की तरह...!!
तुम समझ लेना बेवफा मुझको, मै तुम्हे मगरूर मान लूँगा
ये वजह अच्छी होगी , एक दूसरे को भूल जाने के लिये
नींद सोती रहती है हमारे बिस्तर पे,और हम टहलते रहते हैं तेरी यादों में।