हमसे ना कट सकेगा अंधेरो का ये सफर
अब शाम हो रही हे मेरा हाथ थाम लो।
उमीद तो हमने ये की थी,
में राँझा तेरा तू मेरी हीर बने,
पर शायद खुद को ये मंज़ूर न था,
की तू मेरी तकदीर बने!
पत्नी :- डार्लिंग सुनते हो मेरी उम्र 48
होते हुए भी आपका एक दोस्त मेरे
"हुस्न की तारीफ" करता है..
पति :- उस्मान भाई होगा..
पत्नी :- आपने कैसे पहचाना...?
पति :- वो साला कबाड़ का व्यापारी हैं..!
😂😂😂😂😂
जुबां खुली पर कुछ कह न पाए , आँखों से चाहत जता रहे थे !
सुबह की चाहत लिए नज़र में , रात नज़र में बिता रहे थे !!
अपनी रातें उनके लिए ख़राब करना छोड़ दो दोस्तों,जिनको ये भी परवाह नहीं की तुम सुबह उठोगे भी या नहीं।