Pata Nahi Hosh Me Hu Ya Behosh HuMai Par Bahut Soch Samajhkar Khaamosh Hu Mai.
Pata Nahi Hosh Me Hu Ya Behosh Hu
Mai Par Bahut Soch Samajhkar Khaamosh Hu Mai.
माना कि मोहब्बत की ये भी एक हकीकत है फिर भी,
जितना तुम बदले हो उतना भी नहीं बदला जाता।
तुम मुझे कभी दिल, कभी आँखों से पुकारो ग़ालिब,
ये होठो का तकलुफ्फ़ तो ज़माने के लिए है|
Kitnaa khouf hota hai shaam ke andheroo mein,
Poonch un parindoo se jin ke ghar nahi hote.
सिसक कर पूछती हैमुझसे ये तनहाईय़ाजो बड़े हमदर्द थे तेरेआखिर वो बेबफाई कैसे कर गये.
सिसक कर पूछती है
मुझसे ये तनहाईय़ा
जो बड़े हमदर्द थे तेरे
आखिर वो बेबफाई कैसे कर गये.