"आओ की, अब ये दिल चैन तो पा जाये,भटका राही कोई, मंजिल को पा जाये,ठहरा रास्ते में, ये दिल कई जगह,तेरी आँखों के यादों से, कभी ये निकल नहीं पायें l"
बिन बात के ही रूठने की आदत है,
किसी अपने का साथ पाने की चाहत है,आप खुश रहें, मेरा क्या है..मैं तो आइना हूँ, मुझे तो टूटने की आदत है।
जिद में आकर उनसे ताल्लुक तोड़ लिया हमने,
अब सुकून उनको नहीं और बेकरार हम भी हैं।
वह अपने करम उँगलियों पर गिनते हैं,
पर ज़ुल्म का क्या जिनके कुछ हिसाब नहीं
हम दूर तक यूँ ही नहीं पहुंचे ग़ालिब ,
कुछ लोग कन्धा देने आ गए थे...
Main Jo Chahu To Tod Du Naata Tumse
Par Mein Buzdil Hu
Maut Se Darr Lagta Hai …