मैंने लिख दिए है, गीत तुम्हारे लिए,जब भी जी चाहे गुनगुना लेना,हम सदा थोड़ी रहंगे,नाराजगीं के लिए तेरे पास,आज हूँ, थोड़ा मुस्कुरा लेना l
न चांद होगा ना तारे होंगे,क्या हम इस साल भी कुंवारे होंगे ,इस दुनिया में कितनों के निकाह हो गए ,क्या हमारे नसीब में सिर्फ निकाह के छुहारे होंगे।
सुनी थी सिर्फ हमने ग़ज़लों में जुदाई की बातें ;
अब खुद पे बीती तो हक़ीक़त का अंदाज़ा हुआ !!
ये दबदबा,ये हुकुमत,ये नशा, ये दौलतें………
सब किरायदार है, घर बदलते रहते हैं……
सज रही हैं खुशियों की महफ़िल,
सज रहे समाज हैं हो ये खुशहाल.
सलामत रहे आपकी पूरी जिंदगी,
मुबारक हो नया साल।