सफर में कही तो दगा खा गए हम..
जहाँ से चले थे,वही आ गए हम...!!
Dil Ki Dahleez Par Rakh Kar Teri Yaadon Ke Chiraag
Humne Duniyan Ko Mohabbat Ke Ujaale Bakhshey
Itna Betaab Na Ho, Mujhse Bichaadne Ke Liye ,
Zaraa Thair Ja.
Tujhe Sirf Ankho Se Hi Nahi Dil se Bhi Juda Karna Hai…
हर रात को तुम इतना
याद आते हो के हम भूल गए हैं,
के ये रातें ख्वाबों के लिए होती हैं,
या तुम्हारी यादों के लिए
बनकर तेरा साया तेरा साथ निभाउंगी,तु जहा जाएगा में वहाँ-वहाँ आऊँगी,साया तो छोर जाता है साथ अँधेरे में,लेकिन में अँधेरे में तेरा उजाला बन जाउंगी !!