"कोई बात दिल में, ठहर जाये तो बताना,ख़ामोशियाँ अक्सर, दिल में जम जाती हैl"
सिर्फ इतना ही कहा है, प्यार है तुमसे,जज्बातों की कोई नुमाईश नहीं की,प्यार के बदले सिर्फ प्यार मांगती हूँ,रिश्ते की तो कोई गुज़ारिश ही नहीं की..
तकदीर के हाथों खुद को में जोड़ना नहीं चाहता,
मेरे दो हाथो का होसला में तोडना नहीं चाहता,
मौसम की तरह बदल जाती ये हाथो की लकीरें,
बंद मुट्ठी मेरी हरगिज़ मैं खोलना नहीं चाहता।
तोड़ा कुछ इस अदा से तालुक़ उस ने ग़ालिब,कि सारी उम्र हम अपना क़सूर ढूँढ़ते रहे।
प्यार के समंदर में सब डूबना चाहते हैं,प्यार में कुछ खोते हैं तो कुछ पते हैं,प्यार तो एक गुलाब है जिसे सब तोडना चाहते हैहम तो इस गुलाब को चूमना चाहते हैं.