"बात किसी से भी हो, बातों में तुम ही होती हो,राह कोई भी हो, हमसफ़र तुम ही होते हो,खुद से भी बातें करता हूँ, हर पल तुम्हारी,सो जाऊँ तो भी , ख़्वाबों में तुम ही होती हो l"
इक उम्र तक मैं जिसकी जरुरत बना रहा
फिर यूँ हुआ कि उस की जरुरत बदल गई।
नहीं चाहिए वो सब जो मेरी किस्मत में नहीं,
भीख मांग कर जीना मेरी फितरत में नहीं ।
Aa Bichadne Ka Koi Aur Tareeqa DhoodhenPyyar Badhta Hai Meri Jaaan Khafa Rahne Se
शाम भी खास है, वक़्त भी खास है,
तुझको भी एहसास है, तो मुझको भी एहसास है,
इससे जयादा मुझे और क्या चाहिए,
जब मैं तेरे पास, और तु मेरे पास है