अंधेरा कितना भी हो,एक दीये से हार जाता है,एक जुगुनू भी अँधेरे में,उम्मीद,रौशन कर जाता है l
“तेरी यादों के जो आखिरी थे निशान,दिल तड़पता रहा, हम मिटाते रहे...ख़त लिखे थे जो तुमने कभी प्यार में,उसको पढते रहे और जलाते रहे....”
तेरे गम को अपनी रूह में उतार लूँ,जिन्दगी तेरी चाहत में सवार लूँ,मुलाकात हो तुझ से कुछ इस तरह,तमाम उमर बस इक मुलाकात में गुजार लूँ।
Tere Seene Se Lagkar Teri Aarzoo Ban Jaun,
Teri Saanso Se Milkar Teri Khushbu Ban Jaun,
Faasle Na Rahein Koi Tere Mere Darmiyan,
Main... Main Na Rahun Bas Tu Hi Tu Ban Jaun.
काश यह जालिम जुदाई न होती!
ऐ खुदा तूने यह चीज़ बनायीं न होती! न
हम उनसे मिलते न प्यार होता!
ज़िन्दगी जो अपनी थी वो परायी न होती!