अंधेरा कितना भी हो,एक दीये से हार जाता है,एक जुगुनू भी अँधेरे में,उम्मीद,रौशन कर जाता है l
जादू हैं उसकी हर एक बात में,
याद बहुत आती है दिन और रात में,
कल जब देखा था मेने सपना रात में,
तब भी उसका ही हाथ था मेरे हाथ में
हमें तुमसे मोहब्बत न होती,,
सिर्फ दो ही हालत में…
या “तुम” बने न होते,
या ये दिल बना न होता…
हो चुकी रात अब सो भी जाइएजो हैं दिल के करीब उनके ख्यालों में खो जाइएकर रहा होगा कोई इंतज़ार आपकाख़्वाबों में ही सही उनसे मिल तो आइये.
Vo samjhta hai ki har shakhs badal jata hai…..
Ussey lagta hai zamana us ke jaisa hai….