जो तुम्हें सच में चाहेगावो तुमसे कभी कुछ नहीं चाहेगा
आकाश से ऊँचा कौन – पिता
धरती से बड़ा कौन – माता
विद्या के अलंकार से अलंकृत होने पर भी दुर्जन से दूर ही रहना चाहिए,
क्योंकि मणि से भूषित होने पर भी क्या सर्प भयंकर नहीं होता
दुनिया में सब चीज मिल जाती है,….
केवल अपनी गलती नहीं मिलती…..
हे ईश्वर… बस एक छोटी सी दुआ है,
जिन लम्हों में, मेरे अपने मुस्कुराते हो…
वो लम्हे कभी ख़त्म न हो…