संकट के समय धैर्य धारण करना
मानो आधी लड़ाई जीत लेना है
मुझे सहल हो गई मंजिलें वो,
हवा के रुख भी बदल गये,
तेरा हाथ, हाथ में आ गया,
कि चिराग राह में जल गये।
अहंकार” और “संस्कार” में फ़र्क़ है…
“अहंकार” दूसरों को झुकाकर कर खुश होता है,
“संस्कार” स्वयं झुककर खुश होता है..!
बड़ी हिम्मत दी उसकी जुदाई ने ना अब किसी को खोने का दुःख ना किसी को पाने की चाह।
“Thand aur insult”Jitni Mehsus Karoge Utni Jyada Lagegi*So..Be_Careless&Be_BeshramEnjoy Life, Enjoy Winter!Think Hatke,Jiyo Datke!