मैं जब सो जाऊँ इन आँखों पे अपने होंट रख देना
यक़ीं आ जाएगा पलकों तले भी दिल धड़कता है
चौदहवीं रात के इस चाँद तलेसुरमई रात में साहिल के क़रीब दूधिया जोड़े में आ जाए जो तू ईसा के हाथ से गिर जाए सलीब बुद्ध का ध्यान चटख जाए ,कसम से तुझ को बर्दाश्त न कर पाए खुदा भी दूधिया जोड़े में आ जाए जो तू चौदहवीं रात के इस चाँद तले !
उसके इकरार का इंतजार है मुझे
जाने क्यूँ उससे इतना प्यार है मुझे
ऐ खुदा कब आएगा वो हसीन पल
जब वो खुद कहेगी जान तुमसे प्यार है मुझे
सपनो से दिल लगाने की आदत नहीं रही,
हर वक्त मुस्कुराने की आदत नहीं रही,
ये सोच के की कोई मनाने नहीं आएगा,
हमें रूठ जाने की आदत नहीं रही |
चाहत तुम्हारी - रविवार की तरहहकीकत जिंदगी - सोमवार की तरह...!!