किसानों की हालत देखकर जो गुस्से से फूल जाते है,
नेता, विधायक, मंत्री बनने के बाद किसानों को भूल जाते है.
Na Waqif The Hum Chahat K Asulon Se, Is Liye Barbaad Huye…..
Na Usne Apna Banaya Na Kisi Aur K Qabil Chodha..
खूबसूरती से धोका न खाइये जनाब…
तलवार कितनी भी खूबसूरत क्यों न हो…
मांगती तो खून ही हे…
कौन कहता है मुझे ठेस का एहसास नहीं,
जिंदगी एक उदासी है जो तुम पास नहीं,
मांग कर मैं न पियूं तो यह मेरी खुद्दारी है,
इसका मतलब यह तो नहीं है कि मुझे प्यास नहीं.
Ye mout bi badi ajeeb chiz hei yaro…
Sala Ek Din Marne ke liye Puri Zindgi Jini padTi hey…