सुबह को सताना अच्छा लगता है,
सोये हुए को जगाना अच्छा लगता है,
जब याद आती है किसी की तो,
उसे भी अपनी याद दिलाना अच्छा लगता है..!
उड़ जायेंगे तस्वीरों से रंगो की तरह हम,वक़्त की टहनी पर हैं परिंदो की तरह हम।
आँखों में ख़ुशी, लबों पर हंसी,
गम का कहीं नाम ना हो।
हर सुबह लाये, आपके लिए इतनी खुशियाँ,
जिसकी कभी शाम न हो।
लोग पूछते हैं की तुम क्यूँ अपनी मोहब्बत का इज़हार नहीं करते,
हमने कहा जो लब्जों में बयां हो जाये
सिर्फ उतना हम किसी से प्यार नहीं करते…!!!
तालीम नहीं दी जाती
परिंदो को उड़ानों की……..
वह तो खुद ही समझ
जाते हैं उच्चै आसमानो की…