वह अपने करम उँगलियों पर गिनते हैं,
पर ज़ुल्म का क्या जिनके कुछ हिसाब नहीं
हम दूर तक यूँ ही नहीं पहुंचे ग़ालिब ,
कुछ लोग कन्धा देने आ गए थे...
चाहत तुम्हारी - रविवार की तरहहकीकत जिंदगी - सोमवार की तरह...!!
बोलो है कोई वकील ऐसा इस जहान में
जो हारा हुआ इश्क जीता सके मुझको
Two Line Love Shayari
ये प्यार भी अजीब चीज़ है,
जिससे होता है
उसके सिवा पूरे मोहल्ले को
पता होता है
चलो आज खामोश प्यार को इक नाम दे दें,अपनी मुहब्बत को इक प्यारा अंज़ाम दे देंइससे पहले कहीं रूठ न जाएँ मौसम अपनेधड़कते हुए अरमानों एक सुरमई शाम दे दें !