बाद में मुझ से ना कहना घर पलटना ठीक हैवैसे सुनने में यही आया है रस्ता ठीक हैशाख से पत्ता गिरे, बारिश रुके, बादल छटेंमैं ही तो सब कुछ गलत करता हूँ अच्छा ठीक है
खो गयी है मंजिले, मिट गए है सारे रस्ते,
सिर्फ गर्दिशे ही गर्दिशे, अब है मेरे वास्ते.
काश उसे चाहने का अरमान न होता,
मैं होश में रहते हुए अनजान न होता
न प्यार होता किसी पत्थर दिल से हमको,
या फिर कोई पत्थर दिल इंसान न होता.
इस साल आपके घर खुशियों का हो धमाल,दौलत की ना हो कमी आप हो जाए मालामाल,हस्ते मुस्कुराते रहो ऐसा हो सबका हाल,तहे दिल से मुबारक हो आपको नया साल!!
मुझको ढूंढ लेती है रोज़ एक नए बहाने से
तेरी याद वाक़िफ़ हो गयी है मेरे हर ठिकाने से
अगर मुसीबतें है तो मुस्कुरा के चल,
आँधियों को पैरों तले दबा के चल,
मंजिलों की औक़ात नही तुझसे दूर रहने की,
विश्वास इस क़दर खुद में जगा के चल.