जब लफ्ज़ थक गए तो फिर आँखों ने बात की,
जो आँखें भी थक गयीं तो अश्कों से बात हुई।
कौन याद रखता हैं गुजरे हुए वक़्त के साथी कोलोग तो दो दिन में नाम तक भुला देते हैं |
तू हमसफ़र तू हमडगर तू हमराज नजर आता है, मेरी अधूरी सी जिंदगी का ख्वाब नजर आता है, कैसी उदास है जिंदगी... बिन तेरे... हर लम्हा, मेरे हर लम्हे में तेरी मौजूदगी का अहसास नजर आता है।
तेरे ख्याल से खुद को छुपा के देखा है,दिल-ओ-नजर को रुला-रुला के देखा है,तू नहीं तो कुछ भी नहीं है तेरी कसम,मैंने कुछ पल तुझे भुला के देखा है।
हमसे पूछो क्या होता है पल पल बिताना,बहुत मुश्किल होता है दिल को समझाना,यार ज़िन्दगी तोह बीत जायेगी,बस मुश्किल होता है कुछ लोगो को भूल पाना. |