बस इतना बता दो , इंतज़ार करू या बदल जाऊ ?
ये फूल ये खुशबू ये बहार !
तुमको मिले ये सब उपहार !!
आसमा के चाँद और सितारे !
इन सब से तुम करो सृंगार !!
तुम खुश रहों आवाद रहों……
खुशियों का हो ऐसी फुहार !
हमारी ऐसी दुआ हैं हजार !!
दामन तुम्हारा छोटा पर जाए !
जीवन में मिले तुम्हे इतना प्यार !
वो नहीं आते पर निशानी भेज देते हैख्वाबो में दास्ताँ पुरानी भेज देते हैकितने मीठे है उनकी यादो के मंज़रकभी कभी आँखों में पानी भेज देते है
पुराने शहरों के मंज़र निकलने लगते हैंज़मीं जहाँ भी खुले घर निकलने लगते हैं
मैं खोलता हूँ सदफ़ मोतियों के चक्कर मेंमगर यहाँ भी समन्दर निकलने लगते हैं
मुद्दतों राब्ता नही मिलताकोई भी रास्ता नही मिलतानींद रूठी है जबसे आँखों सेख्वाबों से वास्ता नही मिलता..