वक्त के बदल जाने से इतनी तकलीफ नही होती है,
जितनी किसी अपने के बदल जाने से तकलीफ होती है।
पहले भी रहा,और ये कुछ तुझ्से मिला हैसरमाया-ए-ग़म तेरी मुहब्बत का सिला हैहो दिल जो परेशाँ, यहाँ होता है तमाशामिल जाए अगर चैन तो काहे का गिला है
Na Waqif The Hum Chahat K Asulon Se, Is Liye Barbaad Huye…..
Na Usne Apna Banaya Na Kisi Aur K Qabil Chodha..
ये सर्द शामें भी किस कदर ज़ालिम है,बहुत सर्द होती है, मगर इनमें दिल सुलगता है।
Aa Bichadne Ka Koi Aur Tareeqa DhoodhenPyyar Badhta Hai Meri Jaaan Khafa Rahne Se