भरोसा खुद पर रखो तो ताकत बन जाता है
और दूसरों पर रखो तो कमजोरी बन जाता है
इसी कशमकश में गुजर जाता है दिन
कि तुमसे बात करूं
या तुम्हारी बात करूं
आपके हाथों से कोई छीन सकता है
लेकिन जो नसीब में है उसे कोई नहीं छीन सकता...
अँधेरा चाहे कितना भी घना हो लेकिन
एक छोटा सा दीपक अँधेरे को चीरकर प्रकाश फैला देता है
वैसे ही जीवन में चाहे कितना भी अँधेरा हो जाये
विवेक रूपी प्रकाश अन्धकार को मिटा देता है
साइलेंट मोड पर
सिर्फ
फ़ोन अच्छे लगते है....
रिश्ते - नाते
और
दोस्त नहीं।
गुड मॉर्निंग