मुझे दुश्मन से भी ख़ुद्दारी की उम्मीद रहती है
किसी का भी हो सर क़दमों में सर अच्छा नहीं लगता
Pal Pal Se Banta Hai Ehasas,
Ehsas Se Banta Hai Vishvas,
Vishvas Se Bante Hai Rishte,
Aur Rishte Se Banta Hai Koi Khas, Jaise Aap.
Ye mout bi badi ajeeb chiz hei yaro…
Sala Ek Din Marne ke liye Puri Zindgi Jini padTi hey…
उम्र ने तलाशी ली, तो जेबों से लम्हे बरामद हुए..कुछ ग़म के, कुछ नम थे, कुछ टूटे, कुछ सही सलामत थे..
तू मुहब्बत है मेरी इसलिए दूर है मुझसे
अगर जिद होती तो अब तक बाँहों में होती