सुना है मोहब्बत कर ली तुमने भी,
अब किधर मिलोगे, पागलखाने या मैखाने
कमाल की निशानेबाज हो तुम
तिरछी नजर से भी सीधा दिल पे वार करती हो
मैंने दबी आवाज़ में पूछा - "मुहब्बत करने लगी हो?"नज़रें झुका कर वो बोली - "बहुत"
खामोश चेहरे पर हजार पहरे होते है,हंसती आंखों में भी जख्म गहरे होते है,जिनसे अक्सर रूठ जाते है हम,असल में उनसे ही रिश्ते गहरे होते है!
अब ये हसरत है कि सीने से लगाकर तुझको
इस क़दर रोऊँ की आंसू आ जाये