एक दिन बड़े गुरु से कहने लगी ज़मीन
है मेरे नसीब में पश्चम हुसैन का
फिर चाँद ने कहा मेरे सीने के दाग देख
होता ह आसमान पर मातम हुसैन का |
आहिस्ता आहिस्ता कीजिये कत्ल मेरे अरमानों का……
कहीं सपनों से लोगों का ऐतबार ना उठ जाए..
Humne to khud se inteqam lia ,
Tumne kya soch kar humse mohabbat ki?
Har Safalta Par aapka Naam Ho,Aapke Har Decision Par Kaamyabhi Ka Mukam Ho,Thand Aa Gayi Hai Dhyan Rakhna,Main nahi Chahta aapko sardi aur jukaam Ho.
कामयाबी उन्ही लोगों के कदम चूमती है, जो अपनें फ़ैसलों से दुनियाँ बदल कर रख देते हैं और नाकामयाबी उन लोगों का मुकद्दर बन कर रह जाती है जो लोग दुनियाँ के डर से अपनें फैसले बदल दिया करते हैं|