पत्ते गिर सकते है पर पेड़ नहीं
सूरज दुब सकता है पर आसमान नहीं
धरती सुख सकती है पर सागर नहीं
तुम्हे दुनिया भूल सकती है पर हम नहीं ।।
ना ठुकरा मेरी दोस्ती मुझे गरीब समज कर ए दोस्त,
यह दौलत वाले खरीदार तो होते है,
लेकिन वफादार नही
खो गयी है मंजिले, मिट गए है सारे रस्ते,
सिर्फ गर्दिशे ही गर्दिशे, अब है मेरे वास्ते.
काश उसे चाहने का अरमान न होता,
मैं होश में रहते हुए अनजान न होता
न प्यार होता किसी पत्थर दिल से हमको,
या फिर कोई पत्थर दिल इंसान न होता.
मुझे तलाश हैं एक रूह की, जो मुझे दिल से प्यार करे
वरना इंसान तो पेसो से भी मिल जाया करते हैं |
Ek Tere Na Rehne Se Badal
Jaata Hai Sab Kuch……
Kal Dhoop Bhi Deewar Pe
Poori Nahi Utri…