जब खामोश निगाहों से बात होती है,
तो ऐसे ही मोहब्बत की शुरुआत होती है,
हमतो बस खोये ही रहतें हैं उनके ख्यालों में,
पता ही नही चलता कब दिन कब रात होती है।
वो इस तरह मुस्कुरा रहे थे , जैसे कोई गम छुपा रहे थे !!
बारिश में भीग के आये थे मिलने , शायद वो आंसु छुपा रहे थे !
क्यूट तो मे बचपन से ही हू..
जब पैदा हुआ तब मम्मी को तो क्या,
नसॅ को भी मजबूर कर दिया था चुम्मी लेने को..!!
चुपके से आकर इस दिल में उतर जाते हो,सांसों में मेरी खुशबु बन के बिखर जाते हो,कुछ यूँ चला है तेरे ‘इश्क’ का जादू,सोते-जागते तुम ही तुम नज़र आते हो।
ये फूल मुझे कोई विरासत में मिले हैं
तुम ने मिरा काँटों भरा बिस्तर नहीं देखा