इन आँखों में कभी हमारे आंसू आये न होते,
अगर वो पीछे मुड़ कर मुस्कुराये न होते,
उनके जाने के बाद यही गम रहेगा,
के काश वो हमारी जिंदगी में आये न होते।
“इन हसीनो से तो कफ़न अच्छा है,
जो मरते दम तक साथ जाता है,
ये तो जिंदा लोगो से मुह मोड़ लेती हैं,
कफ़न तो मुर्दों से भी लिपट जाता है.”
सुना है, खुदा के दरबार से कुछ फ़रिश्ते फरार हो गए,
कुछ तो वापस चले गए, और कुछ हमारे यार हो गए
Akele hai to kya hua,Ye zindgi bhi guzar jayegi….
Hum apni tanhai mitane ke liye kisi ko majbur nahi karte…
मेरे दोस्तों ने इकट्ठा किया मेरे ही कत्ल का सामान,
मैंने उनसे कहा,
यारो तुम्हारी नफरत ही काफी थी मुझे मारने के लिए……