जनसंख्या बढ़ती गई,यूँ ही बेतरतीब.
तो मानव को अन्न-जल,होगा नहीं नसीब.
जनसंख्या की वृद्धि के,निकले ये परिणाम.
जीवन के हर मोड़ पर, कलह और कुहराम.
जो लोग दूसरों का भला सोचते हैं
केवल उन्हीं का जीवन सफल है,
अपने लिए तो जानवर भी जीते हैं
दूसरों के काम बिगाड़ने
वाले लोग एक ढूढ़ने पर
हजारों मिल जाते हैं,
लेकिन दूसरों के काम
बनाने वाला हजारों में
कोई एक होता है. दूसरों
के काम बनाने वाले बनिए
और अगर किसी की मदद
नहीं कर सकते हैं तो, उसकी
राह में रोड़े अटकाने वाले
मत बनिए
As a teenager you are at the last stage in your life when you will be happy to hear that the phone is for you.
in your life when you will be happy to
hear that the phone is for you.
“ज़िंदगी” की “तपिश” को
“सहन” कीजिए “जनाब”,
अक्सर वे “पौधे” “मुरझा” जाते हैं,
जिनकी “परवरिश” “छाया” में होती हैं…