जनसंख्या बढ़ती गई,यूँ ही बेतरतीब.
तो मानव को अन्न-जल,होगा नहीं नसीब.
जनसंख्या की वृद्धि के,निकले ये परिणाम.
जीवन के हर मोड़ पर, कलह और कुहराम.
नीम के पेड़ को अगर दूध और घी से भी सींचा जाये
तो भी नीम का वृक्ष मीठा नहीं हो जाता,
उसी प्रकार दुष्ट व्यक्ति को कितना भी ज्ञान दे दो
वो अपनी दुष्टता नहीं त्यागता..
जिनका कद ऊँचा होता है
वो दूसरों से झुक कर ही बात करते हैं
हर विश्वास में विश्वास रहने दो,
जुबान पर मिठास रहने दो,
यही तो अंदाज़ है ज़िन्दगी का,
ना खुद रहो उदास, ना दूसरों को रहने दो…
कामयाब होने वाले इंसान हमेशा खुश रहते हैं
और जो खुश रहते हैं वही कामयाब होते हैं..