रूठना मत कभी हमें मनाना नहीं आता; दूर नहीं जाना हमें बुलाना नहीं आता; तुम भूल जाओ हमें यह तुम्हारी मर्ज़ी है; हम क्या करें हमें भुलाना नहीं आता।
मिलने का वादा कर गयी थी,
वापस लौट आउंगी ये कहकर गयी थी,
आई है अब वो जनाज़े पे मेरे,
वादा वो अपना निभाने चली थी!!
Ulfat Mein Kabhi Yeh Haal Hota Hai;
Aankhen Hasti Hain Magar Dil Rota Hai;
Mante Hain Hum Jisse Manzil Apni;
Humsafar Uska Koi Aur Hota Hai!
कभी शोख हैं,
कभी गुम सी है..
ये बारिशे भी तुम सी है..
रोज तारीख बदलती है,
रोज दिन बदलते हैं…
रोज अपनी उमर भी बदलती है…
रोज समय भी बदलता है…
हमारे नजरिये भी वक्त के साथ बदलते हैं…
बस एक ही चीज है जो नहीं बदलती…
और वो हैं हम खुद और बस ईसी वजह से
हमें लगता है कि अब जमाना बदल गया है!!