उड़े पतंग आसमान में सबकी निराली
पीली, लाल, हरी, नीली और काली
आओ मिलकर हम सब वसंत मनाएं
द्वार पर अपने रंगीली रंगोली सजाएं
बसंत पंचमी की हार्दिक शुभकामनाएं
दिल की धडकने रुक सी गई हैं,
साँसे मेरी धम सी गई हैं.
पुछा हमने दिल के डाक्टर से.
तो पता चला सर्दी के कारण आपकी यादें.
दिल में जम सी गई हैं
कमाल की निशानेबाज हो तुम
तिरछी नजर से भी सीधा दिल पे वार करती हो
गुज़र जायेगी ज़िन्दगी उसके बगैर भी,
वो हसरत-ए-ज़िन्दगी है ….
शर्त-ए-ज़िन्दगी तो नहीं……!!
शराबी मरने ही वाला था कि उसके सामने शिव प्रकट हुए।शिव जी: तुम्हारी कोई अंतिम इच्छा है तो बताओ।शराबी: प्रभु अगले जन्म में दांत चाहे एक ही देना, पर लीवर पूरे 32 देना...