अनुष्का का साया भी खतरनाक है विराट के लिए ... जब भी आती है कोहली zero पे out हो जाता है
आकाश से ऊँचा कौन – पिता
धरती से बड़ा कौन – माता
कुछ लुटकर, कुछ लूटाकर लौट आया हूँ,
वफ़ा की उम्मीद में धोखा खाकर लौट आया हूँ |
अब तुम याद भी आओगी, फिर भी न पाओगी,
हसते लबों से ऐसे सारे ग़म छुपाकर लौट आया हूँ |
दारू की खुशबू, बियर की मिठास..!!गांजे की रोटी, चरस का साग..!!भांग के पकोड़े, अफीम का प्यार..!!मुबारक हो आपको नशेड़ियों का त्यौहार!
जाड़े की रुत है नई तन पर नीली शाल
तेरे साथ अच्छी लगी सर्दी अब के साल...