कभी अधूरा सा कुछ कहूँ
तो तुम पूरा समझ जाना,
हम तो उलझे हैं तुझमें
तू हममें न कहीं उलझ जाना.
very nice poetry sad shayari images
Hamen Taameer Ke Dhokhe Mein Rakhakar Hamaare Khvaab Chunavaaye Gae Hain
बंदा नहीं है कोई टक्कर
का आज की तारीख में,
इसीलिए लफ्ज कम पड़
जाते है हमारी तारीफ़ में..!!
Agar Bhigne Ka Itna Hi Shaukh Hai Baarish Me,To Dekho Meri Aankho Me,Baarish To Har Ek Ke Liye Barasti Hai,Lekin Ye Aankhe Sirf Tumhare Liye Barasti Hai..
दर्द मिन्नत-कशे- ✒ दवा न हुआ, मै न अच्छा हुआ बुरा न हुआ, जमा करते हो क्यों रकीबो को, एक तमाशा हुआ गिला न हुआ.
दर्द मिन्नत-कशे- ✒ दवा न हुआ,
मै न अच्छा हुआ बुरा न हुआ,
जमा करते हो क्यों रकीबो को,
एक तमाशा हुआ गिला न हुआ.