आशियानें बनाएं भी तो
कहाँ बनाएं जनाब
जमीनें महंगी हो गयी
दिल में कोई जगह देता नहीं
नीम के पेड़ को अगर दूध और घी से भी सींचा जाये
तो भी नीम का वृक्ष मीठा नहीं हो जाता,
उसी प्रकार दुष्ट व्यक्ति को कितना भी ज्ञान दे दो
वो अपनी दुष्टता नहीं त्यागता..
इच्छाओं को थोड़ा घटाकर देखिए
आपको खुशियों का संसार नज़र आएगा
दांतों को आराम देकर देखिए आपका स्वास्थ्य सुधर जाएगा
जिव्हा पर विराम लगा कर देखिए आपका क्लेश का कारवाँ गुज़र जाएगा
किस लोभ से “किसान” आज भी, लेते नही विश्राम हैं,
घनघोर वर्षा में भी करते निरंतर काम हैं
शिक्षा के प्रति प्रत्येक किसान को जागरूक होना चाहिए तभी उनका जीवन बेहतर हो सकता हैं.