जब भक्ति भोजन में मिलती है, तो प्रसाद बन जाता है,
जब पानी में मिलती है, तो चरणामृत बन जाता है,
जब घर में मिलती है, तो मंदिर बन जाता है,
जब व्यक्ति में मिल जाता, तो वह भक्त बन जाता है।
“लोग क्या कहेंगे”- ये बात इंसान को आगे नहीं बढ़ने देती
सफलता ना मिले तो घबराना नही,
रुक कर सोचना तो पाओगे की ,
कुछ कदम चलना अभी शेष है।
इंसान अच्छा या बुरा नहीं होता
बस वक्त अच्छा और बुरा होता है