पत्नि सो रही थी, उसके पैरो के पास एक नागिन कुण्डली लगा के बैठी थी।
पति धीरे से बोला : डस ले…. डस ले….
नागिन बोली:
कमीने!
चरण स्पर्श करने आई हूँ।
गुरु हैं हमारी।
तकदीर के हाथों खुद को में जोड़ना नहीं चाहता,
मेरे दो हाथो का होसला में तोडना नहीं चाहता,
मौसम की तरह बदल जाती ये हाथो की लकीरें,
बंद मुट्ठी मेरी हरगिज़ मैं खोलना नहीं चाहता।
क्रोध हवा का वह झोंका है
जो बुद्धि के दीपक को बुझा देता है
रिश्ते चाहे कितने ही बुरे हो उन्हें
तोड़ना मत क्योंकि पानी चाहे
कतना भी गंदा हो अगर
प्यास नहीं बुझा सकता
पर आग तो बुझा सकता है
तुझे ना पा सके तो भी सारी जिंदगी तुझे प्यार करेंगे
ये जरूरी तो नहीं जो मिल ना सके उसे छोड़ दिया जाये
वतन हमारा ऐसा कोई न छोड़ पाये,रिश्ता हमारा ऐसा कोई न तोड़ पाये,दिल एक है एक है जान हमारी,हिंदुस्तान हमारा है हम इसकी शान है.