मुस्कुराना एक कला है
जिसने इस कला को सीख लिया
वो जीवन में कभी दुखी हो ही नहीं सकता
दामाद 14 दिनों से ससुराल में था.
सास :- दामाद जी कब वापस जा रहे हो..दामाद :- क्योँ
सास :- बहुत दिन हो गये..दामाद :- आपकी बेटी तो छ: छ: महीने मेरे यहाँ रहती है..
सास :- वो तो वहाँ ब्याही गयी है..दामाद :- और मैं क्या यहाँ अपहरण करके लाया गया हूँ..
सूरज नहीं डूबा ज़रा सी शाम होने दो”
मैं खुद लौट जाउंगा मुझे नाकाम होने दो”
मुझे बदनाम करने का बहाना ढूँढ़ते हो क्यों
मैं खुद हो जाऊंगा बदनाम पहले नाम होने
दो..
कुछ लुटकर, कुछ लूटाकर लौट आया हूँ,
वफ़ा की उम्मीद में धोखा खाकर लौट आया हूँ |
अब तुम याद भी आओगी, फिर भी न पाओगी,
हसते लबों से ऐसे सारे ग़म छुपाकर लौट आया हूँ |
इंसान हर घर में जन्म लेता है
लेकिन इंसानियत कहीं कहीं ही जन्म लेती है