अँधेरा चाहे कितना भी घना हो लेकिन
एक छोटा सा दीपक अँधेरे को चीरकर प्रकाश फैला देता है
वैसे ही जीवन में चाहे कितना भी अँधेरा हो जाये
विवेक रूपी प्रकाश अन्धकार को मिटा देता है
हम तो मुफ्त की सलाह दे कर बर्बाद हो गए;
अब तो आलम ऐसा है की मांगने पर भी खेरात नहीं देते…..
सुना है, खुदा के दरबार से कुछ फ़रिश्ते फरार हो गए,
कुछ तो वापस चले गए, और कुछ हमारे यार हो गए
समझदार बनने की कोशिश में शरारत
भी खो बैठे
अब इस समझदारी में सबको साजिश नजर
आती है…
एकदम नया जोक...
रेलवे TT:- बाबा कहाँ जाओगे ?
साधु बाबा : -जहाँ राम का जन्म हुआ था .
TT: टिकट दिखाओ ?
साधु बाबा : -नहीं है बच्चा
TT:- तो चलो .........
साधु : -कहाँ ?
TT: -जहाँ कृष्ण का जन्म हुआ था😜(जेल में)