मीठे बोल की
दो बूँद
रिश्तों को पोलियो
से बचाती है
उम्मीद ऐसी हो जो मंजिल तक ले जाये,
मंजिल ऐसी ही जो जीना सिखलाये,
जीना ऐसा हो जो रिश्तों की कदर करे,
रिश्ते ऐसे हों जो याद करने को मजबूर करें।
मस्तक को थोड़ा झुकाकर देखिए आपका अभिमान मर जाएगा
आँखें को थोड़ा भिगा कर देखिए आपका पत्थर दिल पिघल जाएगा
पैसे से बिस्तर खरीदा जा सकता है, नींद नहीं
पैसे से महल खरीदा जा सकता है लेकिन खुशियाँ नहीं
डर मुझे भी लगा फांसला देख कर,
पर मैं बढ़ता गया रास्ता देख कर.
खुद ब खुद मेरे नज़दीक आती गई,
मेरी मंज़िल मेरा हौंसला देख कर…..!!