हमें तुमसे मोहब्बत न होती,,
सिर्फ दो ही हालत में…
या “तुम” बने न होते,
या ये दिल बना न होता…
मुझे सहल हो गई मंजिलें वो,
हवा के रुख भी बदल गये,
तेरा हाथ, हाथ में आ गया,
कि चिराग राह में जल गये।
समझदार बनने की कोशिश में शरारत
भी खो बैठे
अब इस समझदारी में सबको साजिश नजर
आती है…
सुबह का फ्री ज्ञानअगर आप किसी लड़की का पीछा कर रहे होऔर वो रोड़ पर बैठ जाएतोउससे थोड़ा पीछे ही रहेक्या पता वो नागिन बन रही हो
इस बारिश के मौसम में अजीब सी कशिश हैना चाहते हुए भी कोई शिदत से याद आता है..