हर बार अल्फाज ही काफी नहीं होते किसी को समझाने के लिएकई बार कनपटी पे भी देना पड़ता है..
टीचर – कल स्कुल क्यों नहीं आया ?
पप्पू – अरे सर, कल तो छुट्टी थी न त्योंहार की ।
टीचर – कल कौन-सा त्योंहार था बे…
पप्पू – IPL
हम हवा नहीं जो खो कही जायेंगे,
वक़्त नहीं जो गुज़र जायेंगे,
हम मौसम नहीं जो बदल जायेंगे,
हम तो आंसू है जो ख़ुशी और
गम दोनों में साथ निभाएंगे.
वक़्त नूर को बेनूर बना देता है, छोटे से जख्म को नासूर बना देता है,
कौन चाहता है अपनों से दूर रहना पर वक़्त सबको मजबूर बना देता है.
आज हम भी एक नेक काम कर आए,
दिल की वसीयत किसी के नाम कर आए,
प्यार हैं उनसे ये जानते हैं वो……,
मज़बूरी थी जो झुकी नज़रों से इनकार कर आए