Labo se tut gaye guftagu ke sab rishte
wo dekhta hei to bas dekhta hi rahta hei..
“उनसे कहना की क़िस्मत पे ईतना नाज ना करे ,
हमने बारिश मैं भी जलते हुए मकान देखें हैं…… !!
नादान इनकी बातो का एतबार ना कर,भूलकर भी इन जालिमो से प्यार ना कर,वो क़यामत तलक तेरे पास ना आयेंगे,इनके आने का नादान तू इन्तजार ना कर!
तुमसे ही रूठ कर तुम्ही को याद करते हैं
हमे तो ठीक से नाराज़ होना भी नही आता